Maha Kumbh 2025: प्रयागराज में LOGO और APP लॉन्च, कब से शुरू हो रहा महाकुंभ और कब तक चलेगा? जानें-:

Maha Kumbh 2025: प्रयागराज में LOGO और APP लॉन्च, कब से शुरू हो रहा महाकुंभ और कब तक चलेगा? जानें-:

Maha Kumbh 2025 Prayagraj: महाकुंभ 2025 की तैयारियों के तहत उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोगो और एक विशेष मोबाइल ऐप का लॉन्च किया. महाकुंभ मेला 14 जनवरी 2025 से शुरू होकर 26 फरवरी 2025 तक चलेगा. इस मेले में लाखों श्रद्धालु पवित्र त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाकर अपने आध्यात्मिक जीवन को समृद्ध करेंगे. ऐप के जरिए मेले से जुड़ी सभी जानकारियाँ और सुविधाएँ श्रद्धालुओं को उपलब्ध होंगी…

Maha Kumbh 2025: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शारदीय नवरात्रि के दौरान आगामी महाकुंभ 2025 का लोगो, वेबसाइट और ऐप लांच किया. इस लोगो में धार्मिक और आर्थिक समृद्धि का प्रतीक ‘अमृत कलश’ को दर्शाया गया है, जो समुद्र मंथन की पौराणिक कथा से जुड़ा हुआ है.

प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ के विशेष महत्व को दर्शाने के लिए, लोगो में त्रिवेणी संगम को भी प्रमुख रूप से दिखाया गया है, जहाँ गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों का संगम होता है. 

इस अवसर पर सीएम योगी ने कहा कि ‘आज मुझे धर्म, संस्कृति एवं अध्यात्म की पावन भूमि ‘तीर्थराज’ प्रयागराज में महाकुंभ-2025 के दृष्टिगत पूज्य साधु-संतों से संवाद करने का अवसर प्राप्त हुआ’

कैसा दिखता है लोगो:

इस लोगो में दो साधुओं को भी अभिवादन की मुद्रा में दिखाया गया है, जो महाकुंभ की गहन श्रद्धा और धार्मिक महत्व को प्रकट करता है. इसके साथ ही, संगम नगरी के प्रमुख धार्मिक स्थलों को भी इस लोगो में सम्मिलित किया गया है, जो सनातन धर्म की विविध परंपराओं का प्रतीक है. 

इसके मुख से भगवान विष्णु का प्रतीक है, गर्दन से रुद्र का, आधार से ब्रह्मा का, मध्य भाग सभी देवियों का प्रतिनिधित्व करता है, और इसमें भरे जल को पूरे सागर का प्रतीक माना गया है.

महाकुंभ मेला कब से हो रहा शुरू:

महाकुंभ मेला 14 जनवरी से 26 फरवरी, 2025 तक चलने वाला है. महाकुंभ मेले के मद्देनजर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की जा रही है. मुख्य स्नान उत्सव, जिसे “शाही स्नान” के रूप में जाना जाता है, तीन महत्वपूर्ण तिथियों पर आयोजित होगा.

Maha Kumbh 2025 कब है मुख्य स्नान?

मुख्य स्नान उत्सव, जिसे “शाही स्नान” (शाही स्नान) के रूप में जाना जाता है, 14 जनवरी (मकर संक्रांति), 29 जनवरी (मौनी अमावस्या), और 3 फरवरी (बसंत पंचमी) को होगा.

  • 14 जनवरी: मकर संक्रांति
  • 29 जनवरी: मौनी अमावस्या
  • 3 फरवरी: बसंत पंचमी

अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर

कुंभ मेला, जिसे यूनेस्को ने ‘मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर’ के रूप में मान्यता दी है, दुनिया का सबसे बड़ा शांतिपूर्ण धार्मिक आयोजन माना जाता है. “सर्वसिद्धिप्रदः कुंभः” के मंत्र के साथ महाकुंभ आध्यात्मिक शक्ति का गहन प्रतीक है.

यूपी सरकार की विशेष तैयारी:

यूपी सरकार ने त्योहार में भाग लेने वाले पर्यटकों और भक्तों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के लिए प्रमुख मार्गों पर ढाबों, रेस्तरां और होटलों के परिवर्तन के लिए सब्सिडी प्रदान करने की घोषणा की है.

2 Comments

  1. Amit

    जानकारी के लिए बहुत हेल्पफुल पोस्ट है

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