अयोध्या राम मंदिर का उद्घाटन, आज 22 जनवरी 2025 को एक वर्ष हो गया है। आज पूरा देश अयोध्या राम मंदिर की वर्षगांठ बना रहा है। पारंपरिक नागर शैली में बनाए गए राम मंदिर को देखने के लिए रोजाना लाखों लोग आते हैं। आप भी अगर राम मंदिर में राम लला की मूर्ति के दर्शन का मन बना रहे हैं, तो यहां जानें अयोध्या राम मंदिर की खास बातें।
अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा पिछले साल 22 जनवरी को की गई थी। इस ऐतिहासिक दिन को आज एक साल हो गया है। आज पूरे देश में राम मंदिर की वर्षगांठ मनाई जा रही है। अयोध्या राम मंदिर की पहली वर्षगांठ की खुशी में जगह-जगह राम कथा, रामायण की झाकियां, भागवत का आयोजन किया जा रहा है। साल 2024 से अब तक करोड़ों की संख्या में अयोध्या के राम मंदिर में दर्शन कर चुके हैं लेकिन अगर किसी कारणवश आपको राम मंदिर में दर्शन का सौभाग्य अभी तक प्राप्त नहीं हो पाया है, तो राम मंदिर की ये खास बातें जानकर आपका मन भी अयोध्या की यात्रा पर निकलने का करने लगेगा। आइए, जानते हैं राम मंदिर की खास बातें।
अयोध्या राम मंदिर को पारंपरिक नागर शैली में बनाया गया है। नागर शैली का अर्थ है, प्राचीन काल में उत्तर भारत में मंदिर बनाने का एक खास तरीका था, जिसे नागर शैली कहते हैं। इसमें मंदिर एक ऊँचे चबूतरे पर बनता था। सीढ़ियों से ऊपर चढ़कर मंदिर में पहुंचते थे। नागर शैली उत्तर भारत में बहुत प्रसिद्ध हुई। यह उत्तर भारतीय मंदिर वास्तुकला का एक अहम हिस्सा है। राम मंदिर 380 फीट लंबा, 250 फीट चौड़ा और 161 फीट ऊंचा है।
अयोध्या में बन रहा भव्य राम मंदिर तीन मंजिला है। हर मंजिल 20 फीट ऊंची है। मंदिर में 392 खंभे और 44 द्वार बनाए गए हैं। गर्भगृह में प्रभु श्रीराम यानी बाल रूप श्री रामलला को स्थापित किया गया है।यहां श्याम वर्ण वाले श्रीराम की नई मूर्ति 5 साल के बालक स्वरूप में कमल पर विराजित है, जिसकी लंबाई 8 फीट है। ये प्रतिमा मैसूर के अरुण योगीराज ने बनाई है। पहली मंजिल पर श्रीराम दरबार बना हुआ है। मंदिर में पांच मंडप भी हैं, जिनके नाम नृत्य मंडप, रंग मंडप, सभा मंडप, प्रार्थना मंडप और कीर्तन मंडप हैं। साथ ही पूरे मंदिर पर उकेरी गई वास्तुकला मंदिर को चार चांद लगाती है।
अयोध्या राम मंदिर के अंदर एक विशाल परिसर बनाया गया है। इसमें 732 मीटर लंबा और 14 फीट चौड़ा एक आयताकार परकोटा बनेगा। चारों कोनों पर सूर्यदेव, मां भगवती, गणपति और भगवान शिव के मंदिर बनाए गए हैं। उत्तरी दीवार पर मां अन्नपूर्णा और दक्षिणी दीवार पर हनुमान जी का मंदिर भी स्थापित किया गया है। इसके अलावा मंदिर पर अद्भुत वास्तुकला भी उकेरी गई है।
राम मंदिर को कई इंजीनियर, वास्तुकारों, वैज्ञानिकों आदि विशेषज्ञों ने इस तकनीक से मिलकर बनाया है कि अयोध्या राम मंदिर अगले 1000 वर्षों तक सुरक्षित रहेगा। मंदिर को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए भी कई नवीनतम तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। मंदिर को जमीन की नमी से बचाने के लिए 21 फीट ऊंची प्लिंथ ग्रेनाइट से बनाई गई है। यहां तक कि अयोध्या राम मंदिर 8 तीव्रता वाले भूकंप को भी झेलने की क्षमता है।
अयोध्या राम मंदिर में दर्शन के लिए वृद्ध और दिव्यांगों के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं। मंदिर परिसर में वॉश बेसिन, स्नानागार, शौचालय, ओपन टैप्स आदि की सुविधा भी है। साथ ही 25 हजार की क्षमता वाला दर्शानार्थी सुविधा केंद्र का भी निर्माण किया गया है। मंदिर में आए भक्तों के लिए लॉकर और आपातकालीन मेडिकल हेल्प की सुविधा भी उपलब्ध है।
अयोध्या राम मंदिर कैसे पहुंचे
अयोध्या राम मंदिर में दर्शन करने के लिए अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन तक ट्रेन से जा सकते हैं। वहां से राम मंदिर सिर्फ़ छह किलोमीटर दूर है। ऐसे में राम मंदिर पहुंचने के लिए आपको रेलवे स्टेशन से टैक्सी, ऑटो, कैब, बस जैसे पब्लिक ट्रांसपोर्ट आसानी से मिल जाएंगे।